
देहरादून। ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवाइयों को बाजार में बेचने वाले पति-पत्नी को उत्तराखंड एसटीएफ (स्पेशल टास्क फोर्स) ने पंजाब के जीरकपुर से गिरफ्तार किया है। इस गिरोह के 12 सदस्यों को उत्तराखंड एसटीएफ पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। वहीं बाजार में इन नकली दवाइयों की सप्लाई करने वाले पति-पत्नी भी पुलिस के हाथ आ गए।
उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि उन्होंने बीती एक जून को प्रतिष्ठित दवा कंपनियों के नकली रैपर, आउटर बॉक्स, लेवल और क्यूआर कोड के साथ संतोष कुमार नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इस मामले में देहरादून के सेलाकुई थाने में मुकदमा भी दर्ज किया गया था।
वहीं इस पहले भी एक मुकदमे में पुलिस नवीन बसल, आदित्य काला, देवी दयाल गुप्ता, पंकज शर्मा, विजय कुमार पाण्डेय, प्रदीप गौड, शिशिर सिंह, शैलेन्द्र सिंह और तेजेन्द्र कौर को गिरफ्तार चुकी थी। जिनमें पांच दवा कंपनियों के मालिक और प्लॉट हेड भी शामिल है।
इसके बाद पुलिस ने ब्रांडेड कंपनियों की नकली दवाइयों को बाजार में बेचने वालों की तलाश शुरू की, जो उत्तराखंड एसटीएफ के लिए बड़ी चुनौती था। उत्तराखंड एसटीएफ ने बताया कि इस मामले गिरफ्तार आरोपी प्रदीप कुमार ने साल 2023 में आरोपी नवीन बंसल उर्फ अक्षय के साथ मिलकर नकली दवाइयों का काम शुरू किया गया था। आरोपी प्रदीप कुमार ने अपनी पत्नी श्रुति डावर के नाम से एक फर्म सांई फार्मा खोली थी।
पुलिस के मुताबिक आरोपी प्रदीप कुमार और नवीन बंसल ब्रांडेड दवा कंपनी के नकली आउटर बॉक्स देहरादून सेलाकुई में संतोष कुमार से बनवाते थे और उसे ट्रांसपोर्ट कंपनी के जरिए भिवाड़ी राजस्थान मंगाते थे। वहीं दवाई पैक करने के लिए ब्रांडेड मेडिसिन कंपनी के प्रिंटेड एल्युमिनियम फॉयल बद्दी हिमाचल प्रदेश की एक फर्म से बनवाते थे।
आरोप है कि आरोपी प्रदीप कुमार और नवीन बसंल अपने साथियों के साथ मिलकर ब्रांडेड कंपनी के नाम से बेचने के लिए दवाइयां देहरादून और हरिद्वार में स्थित फैक्ट्री से बनवाकर भिवाड़ी राजस्थान मंगवाते थे।
आरोप है कि दवाइयों को आरोपी नवीन बंसल उर्फ अक्षय के आशियाना ग्रीन वाले फ्लैट में ब्लिस्टर मशीन की मदद से पैक किया जाता था। आरोपी मशीन को अलग-अलग जगह पर लगाते थे। इसके बाद आरोपी पंकज शर्मा एक फार्मेसी के एंबुलेंस वाहन की मदद से दवाइयों को एल्यूमिनियम फॉयल में पैक कर अलग-अलग राज्यों में सप्लाई करता था। हरियाणा के पानीपत में प्रदीप कुमार का मेडिकल स्टोर भी है।
आरोपी प्रदीप कुमार ने करीब दो साल तक देहरादून के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में पार्टनरशिप के तहत मेडिकल स्टोर चलाया था। उसमें भी आरोपी ने नकली दवाइयां सप्लाई की है। साथ ही साल 2021 में कोरोना काल के दौरान पानीपत पुलिस ने आरोपी प्रदीप कुमार को नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेचने के केस में जेल भेजा था।
आरोपी प्रदीप कुमार की फर्जी फार्मा कंपनी के बैंक खाते में पिछले दो साल में नकली दवाई की खरीद-फरोख्त का करीब 14 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। उत्तराखंड सहित 06 राज्यों में अलग-अलग मेडिकल स्टोरों में नकली दवाइयां सप्लाई करने की जानकारी मिली है, इस सम्बन्ध में अन्य जानकारी की जा रही है।
एसटीएफ की टीम ने प्रदीप कुमार और पत्नी श्रुति डावर को जीरकपुर पंजाब से गिरफ्तार किया। साथ ही आरोपी प्रदीप कुमार के खिलाफ साल 2021 में पानीपत हरियाणा में एक मुकदमा पंजीकृत है और अन्य राज्यों से जानकारी एकत्र की जा रही है।
-नवनीत भुल्लर, एसएसपी एसटीएफ