उत्तराखंड

GST: छापों के विरोध में उतरे देहरादून के व्यापारी, प्रदेश बंद करने की दी चेतावनी

GST: छापों के विरोध में उतरे देहरादून के व्यापारी, प्रदेश बंद करने की दी चेतावनी
Dehradun
दर्शनी गेट पर दीपक गुप्ता जी के आफिस मे कल सांय 27 तारीख़ को दून उद्योग व्यापार मण्डल के वरिष्ठ पदाधिकारियौं की एक महत्वपूर्ण बैठक आहुत हुई जिसमें सर्वसम्मति से यह तय हुआ कि हम GST सर्वे छापे होने नहीं देंगे और अगर इनको नहीं रोका गया तो प्रदेश भर में विरोध प्रदर्शन कर इस आंदोलन को उग्र रूप दिया जाएगा और अगर बंद का आह्वान भी करना पड़ा तो देहरादून के साथ-साथ प्रदेश भर को भी बंद किया जाएगा। हमारे पूरे प्रदेश में सभी जगह व्यापारी लामबन्द हो गया है तथा GST के विरोध में प्रदर्शन, पुतला दहन आदि हो रहे हैं। साथ ही इन सर्वौं छापौं में देखने में आ रहा है कि यदि एक व्यापारी गलत है तो 10 पिस रहै हैं।हमारा कहना है कि जिस व्यापारी पर शक है तो पहले उसे नोटिस दें तसल्ली ना हो तो दूकान पर जांए फिर गलत जो है उस पर पर कार्यवाही करें।

बैठक के दौरान् प्रान्तीय उद्योग व्यापार मण्डल के चैयरमेन व दून उद्योग व्यापार मण्डल के संरक्षक श्री अनिल गोयल जी ने सुझाव देते हुए कहा कि GST अधिकारी व्यापारियौं के साथ पहले मीटिंग कर लें, हमारी समस्याऔं को समझें व हमारे प्रदेश की भौगोलिक स्थिति को भी समझने की कोशिश करें जिससे कि उन्हैं सही स्थिति के बारे में जानकारी प्राप्त हो।

दून उद्योग व्यापार मण्डल के अध्यक्ष श्री विपिन नागलिया जी ने कहा कि जब प्रदेश बना तो इस टैक्स की राशि कुल 500-600 करोड़ थी जबकि व्यापारियौं की मेहनत से 6000-7000 करोड़ हो गई है और तो और यह राशि लगातार बढ़ भी रही है जोकि लगभग 8000 करोड़ तक पहूँच गई है। उन्हौंने कहा कि हमारे इस छोटे से प्रदेश में जिसमें, अधिकतर पहाड़ी क्षेत्र हैं, छोटे-छोटे व्यापारी हैं इतना राजस्व का संग्रह आने के बाद भी सरकार संतूष्ट नहीं है। कोरोना की वजह से व्यापारी पहले ही टूट चूका है और व्यापार में पहले जैसी स्थिति नहीं है।

दून उद्योग व्यापार मण्डल के कार्यकारी अध्यक्ष श्री सिद्धार्थ उमेश अग्रवाल जी ने कहा कि हमारे प्रदेश में ज्यादातर माल दूसरे प्रदेशौं से आयात किया जाता है तो उस माल पर केन्द्र का टैक्स IGST लगता हैं जो केंद्र के खाते मे जाता है दूसरे प्रदेश से आयात करने पर IGST का इनपुट तो व्यापारी लेगा ही यह भी एक बड़ी वजह है दूसरे प्रदेशौं से आयातित मॉल पर सरकार को ज्यादा GST नहीं मिलता सिर्फ जो व्यापारी का मुनाफा है उसी पर GST मिलता है।

दून उद्योग व्यापार मण्डल के महासचिव श्री सुनील मैंसोन ने बताया कि संज्ञान में यह भी आया है कि GST क्षतिपूर्ति के लिए केन्द्र सरकार से हमारे प्रदेश को लगभग 5000 करेड़ रूपये प्रतिवर्ष मिलता था जो अब बंद होने जा रहा है। इसलिए व्यापारियौं पर दवाब बनाया जा रहा है।

बैठक के अंत में सर्वसम्मति से यह निर्णय हआ कि मा० वित्तमंत्री उत्तराखण्ड श्री प्रेमचंद अग्रवाल जी से समय लेकर उक्त संबंध में वार्त्ता की जाएगी यदि उसके बाद भी कोई समाधान नहीं होता है तो प्रदेश व्यापार मंडल के आदेश पर उग्र आन्दोलन किया जाएगा।

इस दौरान उक्त बैठक में मोहित भाटिया, सचिन माहेश्वरी, राजेश बडोनी, दीपक गुप्ता, देवेन्द्र ढल्ला, मीत अग्रवाल, रविन्द्र सिंह, विजय कोहली, मनीष नयाल, सुनिल माटा, कमलेश अग्रवाल, विजय खुराना, कुलभूषण अग्रवाल, विजय कोहली, विनय बंसल, हरीश मेहता, रोशन लाल, फतेहचंद, अर्पित, हरीश मेहता, नवनीत सेठी, अभिषेक शर्मा, राजेश अग्रवाल, प्रतीक मैनी, प्रेम भाटिया, अखिल भाटिया, योगेश राणा, अजय सिंघल,आशीष मित्तल, गोपाल पुरी, अमित शर्मा, जितेन्द्र आनंद, नितिन शर्मा, पीयूष मौर्या, प्रवीन जैन (सर्राफा) प्रवीन जैन (कपड़ा) गोविन्द थापा, राजेश गुरूंग, वीरेन्द्र सजवाण, शशिकांत गोयल, सुभाष ठाकुर, जितेन्द्र रावत, ईश्वर सिंह नेगी, बिजेन्द्र थपलियाल, मनीश बंसल, गुरबेज, मोहन जोशी, हरभजमान, राजीव, विनय गोयल, संजय कुमार मेहता, राकेश महेन्द्रु, शकील अहमद, अखिलेश अग्रवाल, शशिकांत गोयल, आदेश, नरेश गुप्ता, अनुपम् गुलाटी, आदि व्यापार मण्डल के पदाधिकारी आदि उपस्थित रहै।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button