देहरादून नगर निगम में प्रॉपर्टी की हजारों पत्रवालियाँ गायब
देहरादून नगर निगम में प्रॉपर्टी की हजारों पत्रवालियाँ गायब
देहरादून।
देहरादून नगर निगम में म्यूटेशन, टैक्स, टैक्स निर्धारण और अन्य विषयों से जुड़े हजारों दस्तावेज गायब हैं। नगर निगम प्रशासन को भी इस बारे में खुद पता ही नहीं रहा। दस्तावेज गायब होने का खुलासा राज्य सूचना आयोग ने किया है।
नगर निगम देहरादून के रिकार्ड से हर साल रहस्यमयी तरीके से पत्रावलियां गायब हो रही हैं। राज्य सूचना आयोग की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि 1989 से 2022 तक नगर निगम के अभिलेखों से 13 हजार 743 पत्रावलियां गायब है। वहीं साल 2021-22 में ही 111 पत्रावलियां गायब है। आयोग ने इस प्रकरण को शासन को भेजने के निर्देश दिए हैं।
आयोग ने हैरत जतायी है कि इतनी बड़ी संख्या में पत्रावलियां गायब होने के लिए कोई जवाबदेह नहीं है। आयोग ने आशंका जताई है कि दस्तावेज गायब होने के पीछे कोई बड़ा राज है। जिसे गिरोहबंद या सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है। देहरादून निवासी तरुण गुप्ता की एक अपील पर ये खुलासा हुआ है। उन्होंने सूचना के अधिकार के तहत नगर निगम से संपत्ति नामांतरण संबंधी पत्रावली मांगी थी। नगर निगम ने उन्हें पत्रावली उपलब्ध नहीं करायी और बताया कि पत्रावली गुम है। इसके बाद जाकर आयोग ने पत्रावली न मिलने की अन्य अपीलों का संज्ञान लेकर नगर निगम को रिकार्ड से गायब पत्रावलियों की जानकारी तैयार करने के निर्देश दिए थे। राज्य सूचना आयुक्त योगेश भट्ट ने इस प्रकरण में सख्त टिप्पणी की है। कहा कि इतनी बड़ी संख्या में नगर निगम से पत्रावलियां गायब होना और इसके लिए किसी का जवाबदेह ना होना अत्यंत आश्चर्यजनक है। सूचना आयुक्त ने कहा कि इस मामले में गहन जांच की जाए।