उत्तराखंड

पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम का सवाल, नियमित कर्मचारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं

पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम का सवाल, नियमित कर्मचारियों पर कार्रवाई क्यों नहीं
देहरादून। पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह ने विधानसभा में 2016 और 2022 में भर्ती हुए कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त करने पर सवाल उठाया। कहा कि राज्य गठन से लेकर आज तक हुई सभी भर्तियां को लेकर कार्रवाई में क्यों भेदभाव किया जा रहा है। नियमित कर्मचारियों पर स्पीकर मौन क्यों हैं। नियमित होने का ये मतलब नहीं है कि अवैध बैकडोर वालों पर कार्रवाई नहीं हो सकती। यदि ऐसा है, तो सरकार क्यों 2015 दरोगा भर्ती की विजिलेंस जांच कर रही है।
प्रीतम सिंह ने कहा कि 2015 में भर्ती हुए सभी दरोगा नियमित है। सालों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। यदि विजिलेंस जांच में गड़बड़ी सामने आती है, तो क्या सरकार उन पर कार्रवाई नहीं करेगी। इसी तरह 2004 में हुई दरोगा भर्ती में भी नियमित हो चुके लोगों की सेवाएं समाप्त की गई थी। ऐसे में विधानसभा में 2016 से पहले वाले बैकडोर से अवैध तरीके से भर्ती हुए लोगों पर क्यों कार्रवाई नहीं की जा रही है। कहा कि अवैध रूप से भर्ती हुए लोगों के नियमित होने का ये मतलब नहीं है कि उन्हें हटाया नहीं जा सकता। गलत तरीके से भर्ती कोई भी कर्मचारी यदि नियमित भी हो जाता है, तो भी उनकी सेवाएं समाप्त करने का स्पष्ट प्रावधान है। जांच समिति की रिपोर्ट आने के बाद स्पीकर को चाहिए था कि वो पहले विधिक राय लेतीं। फिर एक सिरे से कार्रवाई करती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया। अब बार बार यही दोहराया जा रहा है कि विधिक राय लेंगे। वो कब ली जाएगी, ये भी किसी को नहीं पता।

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