देश-दुनिया

लावा इंटरनेशनल ने 2024 में 2500+ फ्रेशर्स की भर्ती की पुष्टि की

  • कैंपस हायरिंग का विस्तार, सभी स्तरों पर रोजगार सृजन की लावा की सोच के अनुरूप
  • 100% ब्लू-कॉलर कर्मचारियों की भर्ती तकनीकी संस्थानों से, भारत के मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को मजबूती
  • “3D कल्चर” – डिलीवरी, डिसिप्लिन और डेवलपमेंट – कर्मचारियों को एक समावेशी और ग्रोथ-फोकस्ड माहौल देता है

नई दिल्ली: भारत की प्रमुख घरेलू स्मार्टफोन निर्माता कंपनी लावा इंटरनेशनल लिमिटेड ने 2024 में अपनी सबसे बड़ी भर्ती पहल के तहत 2500+ फ्रेशर्स को विभिन्न विभागों में शामिल किया है। यह पहल भारत के मोबाइल टेक्नोलॉजी सेक्टर में लावा की बढ़ती भूमिका और Lava Reimagined विज़न के साथ मेल खाती है, जो एक इनोवेटिव, समावेशी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में काम कर रही है।

लावा की जनरल मैनेजर – ह्यूमन रिसोर्सेज, प्रांजल यादव ने कहा:
“हमारी भर्ती नीति, लावा की उस सोच को दर्शाती है जिसमें फ्रेश टैलेंट को बढ़ावा देना और उन्हें बेहतर करियर अवसर देना शामिल है। हमने एक बॉटम-अप दृष्टिकोण अपनाया है, जिससे हर कर्मचारी – चाहे वो लीडरशिप रोल में हो, टेक्निकल या मैन्युफैक्चरिंग में – कंपनी के साथ मिलकर आगे बढ़ सके।
हमारी 3D कल्चर – डिलीवरी, डिसिप्लिन और डेवलपमेंट – कर्मचारियों को सशक्त बनाने और उनके व्यक्तिगत और प्रोफेशनल विकास में मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई है। Lava Reimagined के तहत हम एक ऐसे वर्कफोर्स का निर्माण कर रहे हैं जो इनोवेटिव, समावेशी और भारत की टेक्नोलॉजिकल आकांक्षाओं को दर्शाता है।”

लीडरशिप और मिड-लेवल हायरिंग
लावा देश के प्रतिष्ठित संस्थानों जैसे कि IITs, IIMs, FMS, MDI, और IMT से टैलेंट की भर्ती कर रही है, ताकि प्रोडक्ट, मार्केटिंग, ई-कॉमर्स, सप्लाई चेन, R&D, मैन्युफैक्चरिंग और सेल्स जैसी अहम फंक्शन्स को मजबूती दी जा सके। इससे लावा को ऐसे युवा लीडर्स मिल रहे हैं जो कंपनी के भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विस्तार का नेतृत्व कर सकें।

लावा यह सुनिश्चित करती है कि हर साल उसकी फील्ड सेल्स हायरिंग में कम से कम 10% हिस्सेदारी फ्रेश ग्रैजुएट्स की हो, ताकि नए प्रोफेशनल्स को इंडस्ट्री में करियर की मजबूत शुरुआत मिल सके।

इंजीनियरिंग और R&D टैलेंट
लावा का R&D सेंटर नवाचार का केंद्र बना हुआ है, जहां लगभग 20% कर्मचारी फ्रेश इंजीनियरिंग ग्रैजुएट्स हैं। इससे लावा नई तकनीकों और ऑपरेशनल एक्सीलेंस के मामले में हमेशा आगे बना रहता है।

मैन्युफैक्चरिंग वर्कफोर्स का विकास
सिर्फ व्हाइट-कॉलर ही नहीं, बल्कि लावा ब्लू-कॉलर वर्कफोर्स के निर्माण में भी अग्रणी भूमिका निभा रही है। कंपनी ने 100% ब्लू-कॉलर कर्मचारियों की भर्ती तकनीकी संस्थानों से कैंपस ड्राइव्स के जरिए की है, जिससे हजारों युवाओं को पहली बार नौकरी का अवसर मिला है। यह पहल भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और आत्मनिर्भर भारत की सोच को मजबूती देती है।

नवाचार, नेतृत्व और समावेशिता के मूल्यों के साथ लावा इंटरनेशनल भारत को एक वैश्विक टेक्नोलॉजी हब बनाने की दिशा में लगातार प्रयासरत है। युवा टैलेंट में निवेश और व्यापक हायरिंग पहलों के जरिए लावा न सिर्फ अपनी कंपनी के विकास को गति दे रही है, बल्कि देश की आर्थिक और तकनीकी प्रगति में भी सक्रिय योगदान दे रही है।

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