उत्तराखंडदेहरादून

डीएम ने पकड़ा बड़ा खेल, एक ही व्यक्ति ने गुमराह कर दो बार विक्रय कर दी टिहरी बांध प्रभावितों को भूमि

  • व्यथित विस्थापित की मजबूरी, पीड़ा का फायदा उठा रहे पुनर्वास परियोजना अधिकारियों को लिया डीएम ने आड़े हाथ
  • भूमि फर्जीवाडे़ की शिकार पुलमा देवी प्रकरण पर डीएम ने खोली परतें
  • जब तक पुलमा देवी को न्याय नहीं मिलेगा, तब तक प्रशासन छोड़ने वाला नही प्रकरण को
  • डीएम की जांच में हुआ खुलासा डीएम ने एसडीएम अपूर्वा को सौंपी अग्रेतर क्रिमनल प्रोसेडिंगय

देहरादून। जिलाधिकारी सविन बसंल भूमि फर्जीवाड़ा की शिकायतों पर सख्त रूख अपनाएं हुए हैं। विगत दिवस जनता दर्शन में शास्त्रीनगर तपोवन निवासी फरियादी पुलमा देवी ने अपनी शिकायत फुलसनी में 2007 में भूमि क्रय कि थी जिसकी रजिस्ट्री भी है, जो आवासीय भूमि टिहरी विस्थापित को आंविटत की गई थी, वर्ष 2020 में भूमि स्वामी द्वारा वही भूमि किसी अन्य को विक्रय कर दी। इस गंभीर एवं संदिग्ध प्रकरण पर डीएम ने जांच कराई। जून माह के द्वितीय जनता दर्शन में डीएम के संज्ञान में आया था पुलमा देवी प्रकरण। अवस्थापना पुनर्वास खण्ड ऋषिकेश का कारनामा एक व्यक्ति जिसने अपनी भूमि 2007 में विक्रय की, बिना जांच के  2019 में उसी के नाम चढावा दी दोबारा भूमिधरी डीएम जांच में खुलासा हुआ कि  प्रश्नगत प्रकरण पर भूमि का वाद मा0 सिविल जज (जू0डि0) विकासनगर देहराूदन में पुलमा देवी बनाम जतिन गोयल पुत्र राजरानी विचाराधीन है, अधिशासी अभियंता अनुसंधान एवं नियेाजन खण्ड ऋषिकेश द्वारा चन्दरू पुत्र अमरू को ग्राम फुलसनी में खसरा न0 399 च0मि0 में 200 वर्गमीटर भूखण्ड ग्रामीण पुनर्वास ऋषिकेश के द्वारा मार्च 2007 में आवासीय भूखण्ड स0 44, 200 वर्म मी0 आंवटित कर माह अपै्रल 2007 में कब्जा दिया गया था। वरिष्ठ प्रबन्धक (पुनर्वास) टिहरी बांध परियोजना केदारपुर देहरादून द्वारा अपने पत्र में बताया कि चन्दरू ग्राम बन्द्राकोटी द्वारा विभाग को गुमराह करते हुए वास्तवित तथ्य छिपाते हुए उक्त भूखण्ड पर भूमिधरी दिये जाने हेतु पुनः प्रत्यावेदन किया गया, जिसके फलस्वरूप उप राजस्व अधिकारी अधिकारी अवस्थापना (पुनर्वास) खण्ड ऋषिकेश द्वारा अपने पत्र 2019 को भूमिधरी प्रकरण तहसील विकासनगर देहरादून को प्रेषित किया गया था तथा भूमिधरि पुनः अंकित की गई। जिस पर डीएम ने अधीक्षण अभियंता (टिहरी बांध पुर्नवास) का वाहन जब्त विवरण सहित प्रस्तुत होने के निर्देशय सम्बन्धित का एसआईटी जांच में संस्तुति की चेतावनी दी। तथा प्रकरण की विस्तृत अग्रेतर क्रिमिनल प्रोसेडिंग हेतु जांच उप जिलाधिकारी मुख्यालय अपूर्वा को सौंपी है। इस प्रकार की कार्यवाही से जिला प्रशासन इस पर सख्त कार्यवाही का मूड बना चुका है साथ ही सख्त संदेश दिया है जब तक फरियादी को न्याय नही मिलेगा तब तक प्रशासन चुप नही बैठेगा।

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