
देहरादून। दून पुस्तकालय व शोध केन्द्र में सांय 4 बजे से साहित्यकार दिनेश चन्द्र जोशी के व्यंग्य संग्रह ‘बुलाकी का उस्तरा’ का लोकार्पण व चर्चा का कार्यक्रम हुआ । इस कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सुप्रसिद्ध कथाकार जितेन ठाकुर ने कहा कि दिनेश चन्द्र जोशी,व्यंग्यकार के साथ साथ कथाकार व संवेदनशील कवि भी हैं। उनके व्यंग्य भी कथा शैली में लिखे हुए हैं। जिस कारण उनके लेखन में पठनीयता बरकरार रहती है।
कथाकार अरूण कुमार असफल ने संग्रह की विस्तृत समीक्षा प्रस्तुत करते हुए कहा कि दिनेश चन्द्र जोशी सामाजिक विसंगतियों पर तीखा प्रहार करते हैं।साहित्य व बौद्धिक जगत के विद्रूप पर प्रहार कर उन्होंने एक प्रकार से आत्म व्यंग्य का निर्वाह किया है।
चर्चा में भाग लेते हुए कथाकार नवीन नैथानी व साहित्यकार राजेश पाल ने दिनेश चन्द्र जोशी के विभिन्न व्यंग्य लेखों का जिक्र करते हुए उनकी भाषा शिल्प की वक्रता व्यंजना व विषय वैविध्य की सराहना की। अंत में व्यंग्यकार दिनेश चन्द्र जोशी ने अपने व्यंग्य लेखन की रचना प्रकिया पर संक्षिप्त बात रक्खी।
दिनेश जोशी साहित्यिक अभिरुचि के कारण युवावस्था से ही हिंदी के साथ कुमाउनी में भी कहानी,कविता,व्यंग्य व समीक्षा लेखन में सक्रिय रहे हैं। ‘राजयोग’ कहानी संग्रह, व्यंग्य संग्रह ‘बुलाकी का उस्तरा’ उनकी प्रकाशित पुस्तकें हैं. उनका कुमांऊनी कविता संग्रह ‘एकलू बानर’ प्रकाशनाधीन है।
कार्यक्रम का सुगठित सुरुचिपूर्ण संचालन वरिष्ठ कवि राजेश सकलानी ने किया। दून पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र के प्रोगाम एसोसिएट चंद्रशेखर तिवारी ने सभागार में उपस्थित विद्वतजनों का स्वागत व धन्यवाद व्यक्त किया।
कार्यक्रम में चन्द्रनाथ मिश्र, भारती पाण्डे, देवेन्द्र कांडपाल, रजनीश त्रिवेदी, मनमोहन चढ्ढा, जे.पी. मैठाणी, सुंदर सिंह बिष्ट, शादाब अली, शमा खान, दिगम्बर, सुषमा नैथानी, नवल शर्मा, कांता डंगवाल, नरेन्द्र रावत व प्रवीन भट्ट साहित कई साहित्यकार व संस्कृति प्रेमी मौजूद थे



