
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड में पर्वतीय क्षेत्रों से लेकर मैदानी इलाकों तक प्राकृति का कहर रूकने का नाम नहीं ले रहा है आये दिन उत्तराखंड में बारिश व बादल फटने की घटना हो रही जिसमें अब तक कई लोगों की मौत व कई चीजों का काफी नुकसान भी हुआ वहीं सोमवार देर रात को देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल सहस्त्रधारा में बारिश कहर बनकर बरसी। दून घाटी के सहस्रधारा में बादल फटने से तबाही मच गई। यहां कई संपत्तियां नष्ट हुई और लोग लापता हो गए। कई नदियां ऊफान पर आई तो अपने साथ लोगों को बहाकर ले गईं। मालदेवता से ऊपर एक गांव में मकान गिर गया जिसमें आठ लोग दब गए। शाम तक कुल 15 लोगों के शव अलग-अलग जगहों से बरामद हुए।
प्रेमनगर नंदा की चौकी के पास दशकों पुराना पुल टूट गया जिससे यातायात पूरी तरह बंद हो गया। इसके अलावा कई और छोटे-बड़े पुलों को नुकसान पहुंचा। इससे भी आवाजाही बाधित हो गई। प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर और जामुनवाला स्थित एकादश हनुमान मंदिर को बड़ा नुकसान हुआ। पर्यटक स्थल गुच्चू पानी में सरकारी और निजी कई संपत्तियां पूरी व आंशिक रूप से नष्ट हो गईं। मालदेवता क्षेत्र में भी व्यापक स्तर पर नुकसान हुआ।
देहरादून और आसपास के इलाकों में सोमवार शाम से ही बारिश हो रही थी। देर रात तक बारिश की तीव्रता बढ़ी तो नुकसान की खबरें आने लगीं। अतिवृष्टि ने दून घाटी में हर जगह तबाही मचाई।
शहर के बीचोंबीच डालनवाला का रिस्पना नदी से सटा इलाके में भारी नुकसान हुआ। यहां मोहिनी रोड पर बना पुल क्षतिग्रस्त हो गया। देर रात करीब एक बजे सहस्रधारा क्षेत्र में बादल फट गया जिससे पानी दर्जनों इमारतों को अपनी चपेट में ले लिया।
क्षेत्र में कुल चार लोग बह गए। इनमें से तीन के शव शाम तक बरामद हो गए। सबसे ज्यादा जान का नुकसान झाझरा क्षेत्र में आसन नदी में हुआ। यहां खनन कार्य में लगे 16 मजदूर ट्रैक्टर समेत बह गए।
अलग-अलग जगहों से शाम तक इनमें से आठ लोगों के शव बरामद कर लिए गए थे। दो लोग घायल भी हुए और छह लोग शाम तक लापता बताए गए। उधर, मालदेवता से करीब सात किलोमीटर ऊपर फुलेट गांव में एक मकान गिरने से वहां आठ लोग दब गए।
ग्रामीणों ने दो लोगों के शव तो निकाल लिए। शाम तक पुलिस और अन्य बचाव दल गांव तक पहुंचने की जद्दोजहद में लगे थे। मालदेवता के पास टिहरी क्षेत्र को जोड़ने वाले पुल की अप्रोच रोड पानी में बह गई।
प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर में कुछ साल पहले स्थापित की गई बड़ी पीतल की प्रतिमा बह गई। मंदिर के गर्भगृह तक पानी पहुंचा और शिवलिंग तक डूब गया।
जामुनवाला स्थित एकादश मुखी हनुमान मंदिर परिसर भी आधे से ज्यादा पानी में बह गया। मुख्य मंदिर भी खतरे की जद में आ गया।
शाम तक बचाव दलों ने कुल 70 लोगों को अलग-अलग जगहों से सुरक्षित निकाल लिया था।
वहीं, आसन नदी में अचानक तेज बहाव में कई लोग फंस गए थे। इनमें से एक युवक वहां बिजली के खंभे पर चढ़ गया। मौके पर एनडीआरएफ की टीम पहुंची और को खंभे से उतारा।