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आयुष को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एनएएम कॉन्क्लेव का हुआ शुभारंभ

राज्यों और केंद्रीय प्रांतों के आयुष व स्वास्थ्य मंत्रियों ने हिस्सा लिया
नई दिल्ली। कैवल्यधाम, लोनावाला (महाराष्ट्र) में एनएएम कॉन्क्लेव 2025 की शुरुआत हुई। इसका उद्देश्य आयुष के क्षेत्र में विभिन्न राज्यों और केंद्रशासित प्रांतों द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डालना है। इस कार्यक्रम ने आयुष सेवाओं का पूरे देश में विस्तार करने के लिए भविष्य की रूपरेखा तैयार करने का एक मंच प्रदान किया।
उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री, डॉ. दयाशंकर मिश्रा ने नेशनल आयुष मिशन जैसी योजनाओं द्वारा राज्य में स्वास्थ्य सेवा के ढांचे को मजबूत बनाने के केंद्र सरकारी के प्रयासों की सराहना की। मंत्री जी ने कहा, ‘‘उत्तर प्रदेश विश्व का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है। इस राज्य ने आयुष के क्षेत्र में अभूतपूर्व प्रगति की है। वर्तमान में राज्य में 3,959 कार्यशील आयुष हॉस्पिटल हैं, जो 4 बेड, 15 बेड, 25 बेड और 30 बेड की क्षमता के साथ सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।’’
आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित इस कॉन्क्लेव में आयुष विशेषज्ञों, नीतिनिर्माताओं, स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं, शोधकर्ताओं और इनोवेटर्स ने हिस्सा लिया। इसका उद्देश्य भारत की पारंपरिक चिकित्सा को मुख्य चिकित्सा प्रणालियों में शामिल करना है ताकि आम लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवा और ज्यादा आसान, किफायती एवं प्रमाण पर आधारित हो सके।
कॉन्क्लेव की शुरुआत करते हुए प्रतापराव जाधव ने कहा, मंत्रालय ने 2023 में एक एनएएम कॉन्क्लेव का आयोजन किया था, जिसमें विभिन्न राज्यों और केंद्रीय प्रांतों के माननीय मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों ने एनएएम योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी थी। इस वार्ता द्वारा नेशनल आयुष मिशन के क्रियान्वयन और परिणामों में सुधार लाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की गई। 12,500 आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आयुष) की स्थापना से स्वास्थ्य सेवा की उपलब्धता में काफी सुधार आया है तथा लाभार्थियों की संख्या 2021 में 1.5 करोड़ से बढ़कर 2025 में 11.5 करोड़ से अधिक हो गई है। परिणामस्वरूप बेहतर इन्फ्रास्ट्रक्चर, दवाओं की उपलब्धता, प्रशिक्षित कार्यबल और मजबूत शैक्षणिक संस्थानों की मदद से आयुष स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता में काफी सुधार हुआ है।
उन्होंने आगे कहा, ‘‘मुझे विश्वास है कि नेशनल आयुष मिशन कॉन्क्लेव का यह दूसरा संस्करण राज्यों और केंद्रीय प्रांतों तथा केंद्र सरकार के लिए एक मजबूत प्लेटफॉर्म है, जहाँ वो मिलकर इस मिशन की सफलता का आकलन कर सकेंगे, प्रशासन की प्रणाली में सुधार ला सकेंगे और इनोवेशन को बढ़ावा देकर वित्तीय प्रक्रियाओं को व्यवस्थित कर सकेंगे, जिससे जमीनी स्तर पर कार्यक्रम के तेज व प्रभावी क्रियान्वयन में मदद मिलेगी। मैं इस अवसर पर राज्य, केंद्रीय प्रांतों एवं केंद्रीय स्तर पर मेहनत से काम कर रही टीमों और कॉन्क्लेव को सफलता की शुभकामनाएं देता हूँ। मैं कैवल्यधाम की प्रतिबद्ध टीम को उनके अथक प्रयासों के लिए हार्दिक बधाई देता हूँ।

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