उपज और आय बढ़ाने में छोटे किसानों की मदद के लिए उत्तर प्रदेश में स्प्रिंग कॉर्न फेस्टिवल का आयोजन करेगी बायर
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- 9 फरवरी से बायर करेगी फर्रुखाबाद, कन्नौज, एटा, में किसानों के लिए कार्यशालाओं का आयोजन
- कार्यशालाओं में लाइव डेमो होगा, एग्रोनॉमिक प्रशिक्षण प्रदान किया जाएगा और डिकाल्ब हाइब्रिड्स के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान की जाएंगी
उत्तर प्रदेश: स्वास्थ्यसेवा एवं कृषि क्षेत्र में कार्यरत अग्रणी वैश्विक कंपनी बायर उत्तर प्रदेश के प्रमुख जिलों में किसान कार्यशालाओं का आयोजन करने जा रही है। इस दौरान फूड (भोजन), फीड (चारा) एवं सस्टेनेबल फ्यूल (पर्यावरण के अनुकूल ईंधन) के रूप में मक्के के महत्व के बारे में जानकारी दी जाएगी। 27 जनवरी से शुरू हुए किसान गोष्ठी राज्य में 14 फरवरी तक चलेंगे। किसानों को केंद्र में रखकर किए जाने वाले इन रोडशो के तहत मरेहारा, कमालगंज, छिबरामऊ और अन्य प्रमुख स्थानों को कवर किया जाएगा, जिससे उपज एवं आय बढ़ाने में छोटे किसानों का सहयोग करने की बायर की प्रतिबद्धता को मजबूती मिलेगी।
भारतीय अर्थव्यवस्था में मक्का क्षेत्र महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। इस सेक्टर ने 100 करोड़ से अधिक कार्यदिवसों का रोजगार सृजित किया है और राष्ट्रीय जीडीपी में 400 अरब रुपये का योगदान दिया है। घरेलू एवं वैश्विक स्तर पर बढ़ती मांग के साथ बायर अत्याधुनिक शोध, पर्यावरण के अनुकूल प्रक्रियाओं और इनोवेटिव समाधानों के माध्यम से मक्के की उपज बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है, जिससे मक्के के उत्पादन में आत्मनिर्भर बनने के भारत के लक्ष्य में सहयोग मिलेगा।
इन संवाद कार्यशालाओं के माध्यम से किसानों को उन्नत फसल प्रबंधन तकनीकों से जुड़ी व्यापक जानकारियां प्रदान की जाएंगी, जिससे अधिकतम उत्पादकता सुनिश्चित होगी। इन सत्रों में एग्रोनॉमी की सर्वश्रेष्ठ प्रक्रियाओं को लेकर लाइव डेमो दिया जाएगा, जिससे किसान नई तकनीकों के बारे में जान सकेंगे। उन्हें ऐसे अन्य किसानों की सफलता की कहानियां भी जानने को मिलेंगी, जिन्होंने डिकाल्ब हाइब्रिड्स का प्रयोग करते हुए बेहतर उपज प्राप्त की है। इस दौरान विशेषज्ञ पर्यावरण के अनुकूल कृषि प्रक्रियाओं को लेकर दिशानिर्देश प्रदान करेंगे और किसानों को उत्पादकता बढ़ाने के लिए जरूरी जानकारियां भी देंगे। इसके अतिरिक्त, फार्मराइज एप के माध्यम से क्यूआर कोड आधारित रिवार्ड प्रणाली जैसी गतिविधियों के माध्यम से किसानों को इन्सेंटिव कमाने और बायर के कृषि नेटवर्क से जुड़े रहने का भी मौका मिलेगा।
इस पहल को लेकर भारत, बांग्लादेश एवं श्रीलंका में बायर के क्रॉपसाइंस डिवीजन के क्लस्टर कॉमर्शियल लीड मोहन बाबू ने कहा, ‘बायर मक्का किसानों को उत्पादकता एवं आय बढ़ाने में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके लिए उन्हें सही उपकरण, जानकारी एवं सपोर्ट प्रदान किया जाएगा। ये कार्यशालाएं किसानों को नवाचारपूर्ण प्रक्रियाएं अपनाने में सक्षम बनाने के लिए अहम हैं। इससे उनकी उपज बढ़ेगी और मक्का बाजार की बदलती जरूरतों को पूरा करना संभव होगा। अपने बड़े रकबे और राष्ट्रीय उत्पादन में बढ़ते योगदान के साथ भारत के मक्का इकोसिस्टम में उत्तर प्रदेश ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मक्के की खेती को मजबूती देते हुए हमारा लक्ष्य फूड, फीड और सस्टेनेबल फ्यूल के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा में सहयोग करना है। इससे लंबी अवधि में किसानों के लिए आर्थिक विकास करना एवं परिस्थितियों के अनुरूप ढलना संभव होगा।’
कार्यशालाओं के दौरान किसान डिकाल्ब के स्प्रिंग हाइब्रिड्स के बारे में भी जानेंगे। इन्हें खेती की विभिन्न परिस्थितियों के अनुकूल होने, टिकाऊपन, स्टे-ग्रीन ट्रेट्स और हाई क्वालिटी ग्रेन के लिए जाना जाता है। इन हाइब्रिड्स को इस तरह से डिजाइन किया गया है, जिससे किसान पर्यावरण अनुकल उपायों को अपनाते हुए उपज बढ़ा सकें। डिकाल्ब स्प्रिंग हाइब्रिड्स में 80-85 प्रतिशत स्टार्च होता है, जिससे ये एथनॉल बनाने वाली डिस्टिलरीज के लिए श्रेष्ठ हैं। डिकाल्ब हाइब्रिड्स सिलेज कल्टीवेशन के लिए भी अनुकूल हैं।
हैंड्स-ऑन लर्निंग और कृषि विशेषज्ञों के साथ सीधे संपर्क के माध्यम से बायर किसानों को सशक्त करने की दिशा में प्रयासरत है। कंपनी सुनिश्चित करती है कि किसान भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार रहें, साथ ही भारतीय कृषि क्षेत्र के आर्थिक विकास को भी गति मिले।
इस उत्सव के बारे में ज्यादा जानने और इसमें हिस्सा लेने के लिए किसान हेलो बायर टोल फ्री नंबर 1800-120-4049 पर संपर्क कर सकते हैं।
आगामी किसान सम्मेलनों पर आगे की जानकारी:
राज्य जगह ज़िला दिनांक समय
उत्तर प्रदेश मरेहारा एटा 9 फ़रवरी सुबह 9 बजे
उत्तर प्रदेश मरेहारा एटा 10 फ़रवरी दोपहर 2 बजे
उत्तर प्रदेश छिबरामऊ कन्नौज 14 फ़रवरी दोपहर 2 बजे
उत्तर प्रदेश कमालगंज फर्रुखाबाद 15 फ़रवरी दोपहर 2 बजे