देश-दुनिया

बौद्धिक और मूल्यों की शिक्षा के समन्वय से ही भारतीय शिक्षा का उत्थान संभव है: इसरो चेयरमैन वी नारायण

  • आत्मनिर्भर छात्रा से ही आत्मनिर्भर राष्ट्र हो सकता है: दत्तात्रेय होसबाले
  • विचार करें निर्णय करें और लोगों को जागरूक करें
    एक राष्ट्र एक नाम: भारत

नई दिल्ली। शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास देशभर में भारत को इंडिया नहीं भारत कहने के विषय को लेकर एक देश व्यापी हस्ताक्षर अभियान चलाएगा। जिसमें 10 लाख से अधिक हस्ताक्षर कराकर राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया जाएगा। विभिन्न शैक्षिक संस्थानों, विश्वविद्यालयों, सामाजिक संस्थाओं, उद्योग, शिक्षा मंत्री, राज्यपाल के कार्यालय में इस संबंध में ज्ञापन देकर इसे अमली जामा पहनाने का प्रयास किया जाएगा। न्यास का मानना है कि हम पहले स्वयं जागे और देश की जनता को जगाएं। पहले भी कुछ शहरों के नाम बदले गए हैं जैसे मद्रास का चेन्नई मुंबई का मुंबई हुआ है। फिर हमारे देश का इंडिया एवं भारत दो नाम के बदले एक नाम भारत क्यों नहीं किया जा सकता। इसके लिए जरूरी है कि सोशल मीडिया पर अभियान चलाया जाए हस्ताक्षर अभियान चलाएं और अपने कार्यालय के उपयोग की सामग्री में भारत नाम का उप्योग करें।
इसरो चेयरमैन वी नारायण के अनुसार बौद्धिक और मूल्यों की शिक्षा के समन्वय से ही भारतीय शिक्षा का उत्थान हो सकता है। वही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि आत्मनिर्ब पर छात्रा से ही आधार पर राष्ट्र हो सकता है। शिक्षा संस्कृति ज्ञान नाथ न्यास की ओर से 10 जनवरी से 10 फरवरी तक संपन्न ज्ञान महाकुंभ के संयोजक दो मोतीलाल गुप्ता ने कहा इंडिया शब्द सिर्फ नाम तक सीमित है जबकि भारत हमारे लिए भावना है यह संपूर्ण ब्रह्मांड को प्रतिबिंबित करता है।

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